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मनवांछित वर के लिए कुंवारी कन्याएं रखें रंभा तीज का व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत

नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रंभा तृतीया का व्रत रखा जाता है। इन दिन कुंवारी कन्याएं मनभावन पति के लिए व्रत रखती हैं। वहीं सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान सुख भी मिलता है। रंभा तृतीया के दिन माता पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सौभाग्य की प्राप्ति के लिए अप्सरा रंभा ने इस व्रत को रखा था। इसी कारण इसे रंभा तीज भी कहा जाता है। जानिए रंभा तृतीया का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का समापन- 03 जून 2022 शुक्रवार को रात 12 बजकर 17 मिनट तकउदया तिथि 2 जून 2022 को है। इसलिए व्रत 02 जून को रखा जाएगा।

रंभा तृतीया की पूजा विधि

मां पार्वती, भगवान शिव की पूजा करने के बाद हाथ में अक्षत लेकर इन मंत्रों का जाप करें।

ॐ दिव्यायै नमः

ॐ वागीश्चरायै नमः

ॐ सौंदर्या प्रियायै नमः

ॐ योवन प्रियायै नमः

ॐ सौभाग्दायै नमः

ॐ आरोग्यप्रदायै नमः

ॐ प्राणप्रियायै नमः

ॐ उर्जश्चलायै नमः

ॐ देवाप्रियायै नमः

ॐ ऐश्वर्याप्रदायै नमः

ॐ धनदायै धनदा रम्भायै नमः

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