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उत्तराखंड में पहाड़ों पर बारिश से कुछ राहत, देहरादून में छाए बादल 

देहरादून: उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। बारिश और ओलावृष्टि से पहाड़ों में गर्मी से राहत मिली। हालांकि, मैदानों में चटख धूप खिलने और लू चलने के कारण भीषण गर्मी बरकरार है। कुमाऊं में कहीं-कहीं झोंकेदार हवाओं के साथ बौछारें पड़ीं।

ओलावृष्टि और झोंकेदार हवाओं को लेकर यलो अलर्ट

वहीं रविवार को तड़के राज्‍य के पहाड़ी इलाकों में बारिश हुई है। राजधानी देहरादून में भी हल्‍के बादल छाए रहे। आज तड़के कोटद्वार में बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ बारिश हुई। जिसके बाद वहां बादल छा गए। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज भी पर्वतीय जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। कहीं-कहीं गरज के साथ ओलावृष्टि और झोंकेदार हवाओं को लेकर यलो अलर्ट भी जारी किया गया है।

कुमाऊं में एक मकान की छत उड़ गई

प्रदेश में शनिवार को पर्वतीय इलाकों में आंशिक बादल छाये रहे। दोपहर बाद उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग में बादलों ने डेरा डाल लिया। शाम तक कई जगह झमाझम बारिश हुई। जिससे गर्मी से राहत के साथ ही जंगल की आग भी बुझ गई। कुमाऊं में नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र में आंधी-तूफान से एक ग्रामीण के मकान की छत उड़ गई।

तूफान के साथ भारी बारिश से घर में रखा सारा समान बर्बाद हो गया। ग्रामीण ने परिवार सहित भाई के मकान में शरण ले रखी है। चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र में शुक्रवार देर शाम आई आंधी से बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले तीन दिन उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में हल्की बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। जबकि, मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ हल्की बौछार पड़ सकती हैं। इसके साथ ही आगामी तीन और चार मई को पहाड़ों गरज के साथ ओलावृष्टि और मैदानों में अंधड़ को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

ग्लेशियर पिघलने से सीमा क्षेत्र की सड़क पर आवागमन हुआ खतरनाक

धारचूला तहसील के अंतर्गत दारमा वैली की सोबला-तिदांग सड़क लंबे समय बाद आवागमन के लिए खुल तो गई है, लेकिन ग्लेशियर पिघलने से खड़ी हुई कीचड़ की समस्या ने आवागमन को खतरनाक बना दिया है।

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