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प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में उत्तराखंड का उत्कृष्ट प्रदर्शन

देहरादून। टीबी मुक्त उत्तरखंड के लिये राज्य सरकार तमाम प्रयास कर रही है। जिसका नतीजा है कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत नि-क्षय मित्र पंजीकरण में उत्तराखंड राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे पायदान पर काबिज है। जबकि प्रथम व द्वितीय स्थान पर उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश राज्य हैं। सूबे में टीबी रोगियों के उपचार में सहायता प्रदान करने के लिये अब तक 2917 पंजीकरण हो चुके हैं, जिनमें विभिन्न संस्थाएं, सहकारी समितियां और व्यक्तिगत रूप से सैकड़ों लोग शामिल हैं। वर्तमान में प्रदेशभर में 14769 टीबी रोगियों का उपचार किया जा रहा है जिनमें से 11753 रोगियों ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सामुदायिक सहायता प्राप्त करने की सहमति दी है।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उत्तराखंड में अब तक 2917 लोगों ने नि-क्षय मित्र बनने के लिये पंजीकरण किया है। उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के बाद उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य हैं जहां नि-क्षय मित्र के लिये सर्वाधिक पंजीकरण किया गया है। सूबे के अल्मोड़ा जनपद में 286, बागेश्वर में 53, चमोली में 118, चम्पावत में 79, देहरादून में 266, पौड़ी में 303, हरिद्वार में 192, नैनीताल में 439, पिथौरागढ़ में 213, रूद्रप्रयाग में 62, टिहरी गढ़वाल 206, ऊधम सिंह नगर में 563 और उत्तरकाशी में 137 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य में 14769 टीबी रोगी पंजीकृत हैं। जिसमें से 11753 रोगियों ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सामुदायिक सहायता प्राप्त करने की सहमति प्रदान की है जो कि कुल पंजीकृत टीबी रोगियों का 83 फीसदी है। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रत्येक नि-क्षय मित्रों को एक-एक टीबी रोगी को गोद लेकर उनके उपचार में सहयोग प्रदान करना है।

भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत प्रत्येक नि-क्षय मित्र को गोद लिये गये टीबी रोगी की समय-समय पर देखभाल करने सहित प्रत्येक माह अतिरिक्त पोषण हेतु फूड बास्केट उपलब्ध करानी होगी। हालांकि सरकार द्वारा टीबी मारीजों को प्रत्येक माह रूपये 500 पोषण भत्ते के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत लगातार इस बात के लिए प्रयासरत हैं कि उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त किया जाए। वह लगातार नि-क्षय मित्र बनकर टीबी  के मरीजों को गोद लेने की अपील कर रहे हैं

क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत
उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। टीबी को हराने के लिये प्रदेशभर में वृहद पैमाने में जनजागरूता अभियान संचालित किये जा रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी मरीजों को पर्याप्त पोषक भोजन उपलब्ध कराने के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित की गई है। कोई भी व्यक्ति, एनजीओ, नेता, राजनीतिक दल या कारपोरेट हाउस नि-क्षय मित्र बन कर टीबी मरीजों को गोद ले सकता है। हमारी कोशिश है कि हम नि-क्षय मित्र की भूमिका निभाकर जल्द से जल्द उत्तराखंड को टीबी मुक्त करें।-
डॉ. धन सिंह रावत,
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार। 

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