उत्तराखण्ड

दून मेडिकल कालेज में अब आंख का अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी शुरू

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में अब अल्ट्रासाउंड बायोमाइक्रोस्कापी यानी यूबीएम (आंख का अल्ट्रासाउंड) की सुविधा भी शुरू कर दी गई है। निजी क्षेत्र में यह जांच डेढ़ से दो हजार रुपये में होती है। जबकि अस्पताल में मरीज को मात्र इसका 364 रुपये शुल्क देना होगा।

दून मेडिकल कालेज में नेत्र रोग में पीजी एवं एमएस कोर्स की मान्यता की तैयारी की जा रही है। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना के निर्देशन में विभागाध्यक्ष डा. युसुफ रिजवी एवं एसोसिएट प्रोफेसर डा. सुशील ओझा की टीम इसमें जुटी हैं। जल्द ही राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) की टीम निरीक्षण कर सकती है। ऐसे में विभाग में सुविधा व संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं।

अस्पताल में यूबीएम की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसकी मदद से आंख का ट्यूमर, ग्लूकोमा, आइरिस का पैटर्न, काले मोतिया के विभिन्न प्रकार का पता लगाया जा सकेगा। इसको फोटाग्राफ के माध्यम से देखा जा सकेगा। वहीं, अस्पताल में नेत्र रोगियों के लिए विशेष ओपीडी भी शुरू की गई हैं। रेटीना, कार्निया, न्यूरो आप्थल, बहंगेपन और पलक आदि के इलाज को ओपीडी का संचालन किया जा रहा है।

आइ बैंक की भी तैयारी

दून मेडिकल कालेज में आइ बैंक की भी स्थापना की जाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। जिसके बाद यहां पर कार्निया ट्रांसप्लांट एवं नेत्रदान की सुविधा प्रदान की जाएगी। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि आइ क्लेक्शन सेंटर को स्थापित करने के लिए आवश्यक संसाधन व सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है।

दून अस्पताल में अब बच्चों के लिए भी दंत चिकित्सा

जितना जरूरी शरीर को स्वस्थ रखना है, उतनी ही जरूरी ओरल हेल्थ भी है। हर उम्र के व्यक्ति को इसका ख्याल रखना चाहिए। बीते कुछ वक्त में इसे लेकर जागरूकता आई है, पर सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में अब भी स्तरीय सुविधाएं नहीं हैं।

ऐसे में अब शहर के प्रमुख सरकारी अस्पताल यानी दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय ने इस ओर सोचना शुरू कर दिया है। यहां दंत चिकित्सा विभाग की सुविधाओं व संसाधनों में बढ़ोतरी की जा रही है। इसी क्रम में अब यहां बाल दंत रोग चिकित्सा शुरू की गई है।

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सायना व दंत चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अमित शाह ने बताया कि अस्पताल में आधुनिकतम डेंटल चेयर, एक्स रे आदि सामान स्थापित किया गया है। नई सुविधाओं में बच्चों के दांतों की नसों का इलाज, रूट कैनाल ट्रीटमेंट, फ्लोराइड ट्रीटमेंट, छोटे बच्चों की फिलिंग और सडऩ का बचाव शामिल है।

बाल दंत रोग विशेषज्ञ डा. कनिका शर्मा और दंत रोग चिकित्सक डा. जसप्रीत कौर यह इलाज रियायती दरों पर करेंगी। जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। डा. सायना ने कहा कि भविष्य में अस्पताल में कई अन्य तरह की उच्च दंत चिकित्सा उपलब्ध करने की कोशिश की जा रही है।

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