राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए मुलायम सिंह, अखिलेश यादव ने दी मुखाग्नि
कानपुर: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज उनके पैतृक गांव सैफई में अंतिम संस्कार होगा। सोमवार सुबह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका निधन हो गया था। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया गया है।
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कानपुर में नेताजी मुलायम सिंह यादव की मौत की खबर सुनकर मजदूर ने आत्महत्या कर ली। मजदूर की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि राजेश कुमार यादव (50) इस्पात नगर में मजदूरी करता था। काम से वापस घर आते वक्त सोमवार को उसे मुलायम सिंह यादव के निधन की बात पता चली। इस पर वह बौखला गया और यह कहते हुए कि जब मुलायम सिंह नहीं रहे तो हम जीकर क्या करेंगे। उसने पांडु नदी में छलांग लगा दी। राजेश यादव की मौत के बाद पत्नी रामरती और चार नाबालिग बेटियां ममता, ललिता, सरिता और आरूषी का हाल बेहाल है। भाई अमर बहादुर ने बताया कि बड़े भइया राजेश का नेताजी से बहुत लगाव था। उनके निधन की खबर सुनकर वह अवसाद में चले गए और आत्महत्या कर ली।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक पूर्व रक्षामंत्री धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव को श्रद्धाजंलि देने के लिए सैफई में जनसैलाब उमड़ पड़ा। डेढ़ लाख से ज्यादा लोग पहुंचे ।सभी अपने नेता के अंतिम दर्शन करने के लिए उतावले दिखाई दिए। लोगों में एक-दूसरे को धकेलकर आगे बढ़ने की होड़ मची रही। मंच पर सांसद से लेकर विधायक और यहां तक कि बड़े नेता भी लाइन में लगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, राज्य मंत्री असीम अरुण, सांसद रीता बहुगुणा जोशी, देवेंद्र सिंह भोले, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी लाइन में लगकर ही मंच श्रद्धाजंलि अर्पित की।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव को मुखाग्नि दी।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और पार्टी के अन्य नेता यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैतृक गांव सैफई पहुंचे।