उत्तराखण्ड

डीजीपी ने श्रद्धालुओं से की अपील- रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ होटल बुकिंग जरूर करवाएं

केदारनाथ व बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने श्रद्धालुओं से पंजीकरण करवाने के बाद ही यात्रा पर आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह खासकर केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है, उस हिसाब से आने वाले दिनों में बिना पंजीकरण के आने वाले श्रद्धालुओं को रोका भी जा सकता है।

व्यवस्था बनाने में पेश आ रही काफी दिक्कतें

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से चार धाम में जाने वाले श्रद्धालुओं की सीमा तय की गई थी, हालांकि इसे अभी लागू नहीं किया गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे हैं, ऐसे में वहां पर व्यवस्था बनाने में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं। डीजीपी ने कहा कि तीन चार दिन में ही केदारनाथ व बदरीनाथ में भारी भीड़ देखने मिली है।

श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन थोड़ी देर से करवाएं

उन्होंने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से यह भी अपील की है कि वह रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ होटल बुकिंग जरूर करवाएं। देखने में आया है कि धामों में क्षमता कम है और श्रद्धालु काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। उन्हें ठहरने में भी परेशानी आ रही है। पुलिस किसी तरह श्रद्धालुओं के रहने का इंतजाम कर रही है। इसलिए श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन थोड़ी देर से करवाएं, ताकि पहले ही भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु कुछ कम हो सकें

एंट्री व एग्जिट गेट को अलग-अलग सेक्टरों में बांटा

डीजीपी ने बताया कि व्यवस्था बनाने के लिए इस बार एंट्री व एग्जिट गेटों को अलग सेक्टरों में बांटा गया है। देखा गया है कि सोनप्रयाग व गौरीकुंड का सेक्टर व्यवस्थित नहीं है। बदरीनाथ में लंबी लाइन है। उन्होंने श्रद्धालुओं से व्यवस्था में भी सहयोग की अपील की। इसके साथ ही यमुनोत्री, गौरीकुंड और केदारनाथ में भीड़ बढऩे के चलते यहां एक-एक प्लाटून अतिरिक्त तैनात की गई है।

सोनप्रयाग से केदारनाथ तक व्यवस्था लचर

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि शिकायत मिली है कि सोनप्रयाग से केदारनाथ तक व्यवस्था लचर हैं। यहां पर श्रद्धालुओं के लिए न तो शौचालय और ना ही पुलिस जवान तैनात हैं। इसके अलावा रास्ते में रेलिंग की जगह प्लास्टिक टेप लगाई गई, जिससे किसी भी समय हादसा हो सकता है। उन्होंने एसपी रुद्रप्रयाग को जिलाधिकारी के साथ पैदल भ्रमण करने के निर्देश दिए। कहा कि रूट पर जो भी समस्याएं हैं, उन्हें दूर किया जाए।

हरिद्वार से बदरी-केदार हेली सेवा मामले की होगी जांच

श्यामपुर स्थित हेलीपैड से केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए शुरू हुई हेली सेवा की जांच की जाएगी। दरअसल, हेली सेवा संचालकों को अभी तक वन विभाग से अनुमति नहीं मिली है। डीएफओ दीपक सिंह का कहना है कि वन विभाग से हेली सेवा के लिए अनुमति नहीं ली गई है। राजाजी टाइगर रिजर्व से अनुमति दी जानी थी। बिना अनुमति दो दिन उड़ान कैसे भरी, इसकी जांच की जाएगी।

चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। हरिद्वार से एक निजी कंपनी पिलग्रिम एविएशन की ओर से हरिद्वार के श्यामपुर स्थित एक हेलीपैड से बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए हेली सेवा शुरू की गई है। हैरत की बात यह कि दो दिन से लगातार बगैर वन विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के हेलीकाप्टर उड़ान भर रहा है। हालांकि हेली सेवा संचालकों का कहना है कि उन्हें डीजीसीए की ओर से अनुमति प्राप्त है।

श्यामपुर रेंजर वाइएस राठौर ने बताया कि सोमवार को डिप्टी रेंजर को मौके पर भेजा गया था, लेकिन हेली सेवा संचालक अनुमति पत्र नहीं दिखा पाए। उन्होंने बताया कि बगैर अनुमति उड़ान भरने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उपजिलाधिकारी पूरण ङ्क्षसह राणा ने बताया कि फिलहाल ट्रायल के तौर पर दो धाम की यात्रा कराई जा रही है। वहीं हेली सेवा पिलग्रिम एविएशन की निदेशक ईशा सबरवाल ने बताया कि वन विभाग को भी एनओसी के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिसे जल्द मिलने की उम्मीद है।

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