डेंगू को लेकर देहरादून में कांग्रेस ने किया सर्वे

जनता ने निगम, स्वास्थ्य विभाग, स्मार्ट सिटी व जिला प्रशासन को बताया जिम्मेदार
‘दून का गुनहगार कौन’ अभियान के तहत 400 लोगों से की बात
देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस ने दून में बढ़ते डेंगू के प्रकोप को देखते हुए सर्वे कर दावा किया कि 146 लोगों ने नगर निगम को, 87 लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को, 60 लोगों ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और 29 लोगों ने दून जिला प्रशासन को दोषी ठहराया है। गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रेसवार्ता में आंकड़ों की जानकारी देते हुए मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, परवादून अध्यक्ष मोहित उनियाल, महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर गोगी ने कहा कि कार्यकर्ताओं की मदद से इस सर्वे को लगभग 400 लोगों के साथ किया गया है। दून का गुनहगार कौन अभियान के तहत दून वासियों से यह जानने की कोशिश की गई कि वह आज शहर की बदहाल स्थिति के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं।
दसौनी ने कहा कि देहरादून देश की डेंगू राजधानी बन चुका है, शहर के हर इलाके, मोहल्ले और कॉलोनी में हजारों की संख्या में डेंगू के केस रिपोर्ट हो रहे हैं। सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिए झूठे आंकड़ों की मदद ले रही है। सर्वे में 146 लोगों ने नगर निगम, 87 लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को, 60 लोगों ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और 29 लोगों ने दून जिला प्रशासन को दोषी ठहराया है।
दसौनी ने कहा कि सर्वे करने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इन 400 लोगों के साथ अपना नंबर भी साझा किया और ब्लड की कमी या प्लेटलेट की कमी होने पर संपर्क करने व मदद करने का वादा किया। महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर गोगी ने कहा की डेंगू ने शहर में भीषण महामारी का रूप ले लिया है। सरकार डेंगू से मौतों की संख्या छिपाने में लगी है। मेडिकल रिपोर्ट्स में गड़बड़ियां हो रही है। प्लेटलेट्स भी नहीं मिल पा रहे हैं। परवा दून जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल ने कहा कि सरकार डेंगू के असल आंकड़े छुपा रही है और स्थिति को संभाल नहीं पा रही है, सभी अस्पताल इस समय मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उगाही कर रहे हैं। सर्वे को सफल बनाने में वीरेंद्र पवार, सज्जाद अंसारी, अभिषेक तिवारी, लकी राणा, नितिन चंचल इस्लाम व फहीम आदि ने सहयोग किया