उत्तराखण्ड

मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी पहुंचे बदरीनाथ धाम, पूजा अर्चना के बाद बदरीनाथ एक्‍शन प्‍लान का जायजा लिया

चमोली : मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी शुक्रवार को बदरीनाथ धाम पहुंचे और विशेष पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री धामी ने भगवान बदरीनाथ की पूजा अर्चना करते हुए देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। पूजा अर्चना के बाद मुख्‍यमंत्री धामी ने बदरीनाथ एक्‍शन प्‍लान का जायजा लिया।

मुख्‍यमंत्री धामी ने कहा कि केदारनाथ में दूसरे चरण का काम सुचारू रूप से चल रहा है। अब बदरीनाथ धाम में भी काम शुरू हो गया है।आज मैं इन कार्यों को देखने आया हूं। अब नवनिर्माण तेजी से होगा।

रुद्रप्रयाग : कथा वाचक मोरारी बापू ने किए केदारनाथ के दर्शन

प्रसिद्ध संत एवं कथावाचक मोरारी बापू ने केदारनाथ धाम पहुंचकर पूजा अर्चना कर भोले बाबा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया और विश्व कल्याण की कामना की। इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल के दर्शन भी किए। गुरुवार को मोरारी बापू हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम हेलीपैड पहुंचे।

मोरारी बापू ने केदारनाथ में आपदा के बाद यहां भव्य कथा भी करवाई थी। जबकि समय-समय पर वह केदारनाथ धाम पहुंचते रहते हैं। गुरुवार को उन्होंने केदारनाथ में ही रात्रि विश्राम किया। शुक्रवार को भी वह केदारनाथ में रह सकते हैं। इसके बाद वह बदरीनाथ धाम भी जाएंगे। वहीं मंदिर पहुंचने पर बदरी-केदार मंदिर समिति ने उनका जोरदार स्वागत किया।

उत्तरकाशी : हंत बलबीर गिरि पहुंचे गंगोत्री

प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ तथा हनुमान मठ के नए महंत बलबीर गिरि गंगोत्री धाम पहुंचे। इससे पहले गुरुवार की दोपहर को उन्होंने विश्वनाथ मंदिर परिसर में भगवान काशी विश्वनाथ, शक्ति माता तथा हनुमान की विशेष पूजा-अर्चना की।

गुरुवार को यमुना माता के दर्शन के बाद खरकाशी से महंत बलबीर गिरि दोपहर को विश्वनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे, जहां पर श्रद्धालुओं ने फूलमालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। महंत बलबीर गिरि उत्तराखंड मूल के संत हैं और बाघंबरी मठ के पूर्व महंत स्व. नरेंद्र गिरि ने उन्हें दीक्षा देकर संत बनाया। महंत बलबीर गिरि ने बहुत ही कम समय में गुरु दीक्षा में निपुणता हासिल की और अपने गुरु के प्रिय शिष्य बने।

दोपहर बाद महंत बलबीर गिरि मां भगवती गंगा मैया के दर्शन करने के लिए गंगोत्री धाम की ओर निकल पड़े तथा गंगोत्री धाम पहुंचे। विश्वनाथ मंदिर परिसर में शक्ति माता मंदिर के पौराणिक त्रिशूल को देखकर वे अभिभूत हुए। इस अवसर पर तीर्थ पुरोहित सतीश सेमवाल, महंत जयेंद्र पुरी सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे।

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