उत्तराखण्ड

गंगोत्री में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और योग गुरु बाबा रामदेव ने अन्वेषण पर्वतारोहण टीम को फ्लैग ऑफ किया

उत्तरकाशी नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, पतंजलि आयुर्वेद हरिद्वार और भारतीय पर्वतारोहण संस्थान का साझा अन्वेषण अभियान शुरू हो गया है।

इस क्रम में बुधवार को गंगोत्री में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और योग गुरु बाबा रामदेव ने अन्वेषण पर्वतारोहण टीम को फ्लैग ऑफ किया। यह दल गंगोत्री हिमालय के रक्तवन आरोहण को रवाना होगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अन्वेषण अभियान टीम के साथ गंगोत्री से गोमुख जाने वाले मार्ग पर करीब एक किलोमीटर तक गए।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पतंजलि व निम का यह अन्वेषण अभियान उत्तराखंड के लिए बड़ी खोज और उपलब्धि होगी। उत्तराखंड को धार्मिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में भी यह कदम सार्थक होगा।

स्वामी रामदेव ने गंगोत्री धाम में किया योग

फ्लैग ऑफ से पहले योग गुरु स्वामी रामदेव ने गंगोत्री धाम में तीन घंटे तक मां गंगा के तट पर योग किया। इस दौरान उन्होंने चारधाम यात्रा पर आए तीर्थ यात्रियों व गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों को योग के महत्व के बारे में जानकारी दी।

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में संयुक्त अन्वेषण पर्वतारोहण टीम उत्तरकाशी से गंगोत्री के लिए रवाना हुई थी।

अभियान के तहत अनाम चोटियों का आरोहण के साथ नई जड़ी-बूटी और पादपों की खोज करना है, जिससे हिमालय की नई वनस्पतियों को बाटनिकल सर्वे आफ इंडिया के डाटा में जोड़ा सकें।

वीरवार को भोजवासा से रक्तवन के लिए रवाना होगा दल

बुधवार शाम को गंगोत्री से निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट और पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में दल भोजवासा पहुंचेगा। वीरवार को भोजवासा से रक्तवन के लिए रवाना होगा।

1981 में रक्तवन क्षेत्र में भारत-फ्रांस का साझा पर्वतारोहण अभियान चला था। श्याम वन ग्लेशियर से आगे वह दल नहीं जा पाया था। उसके बाद से रक्तवन क्षेत्र में यह दूसरा अभियान है। जिसका लक्ष्य श्याम वन ग्लेशियर से आगे पीला पानी ग्लेशियर क्षेत्र में जाने का है।

इस अभियान में जड़ी बूटी विशेषज्ञ डा. राजेश मिश्रा, वनस्पति विज्ञानी डा. भाष्कर जोशी, कर्नल अमित बिष्ट और निम के प्रशिक्षक दीप शाही, विनोद गुसांई तथा आइएफएफ के बिहारी सिंह राणा शामिल हैं

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