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देशभर में इस माह में अच्छी बारिश के आसार, जून में औसत से कम हुई बारिश

 नई दिल्ली : गुजरात और राजस्थान में मौसमी बारिश के साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे देश में पहुंच गया है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा, आठ जुलाई की सामान्य तिथि से छह दिन पहले शनिवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे देश में दस्तक दे चुका है लेकिन इस सीजन में बारिश का औसत 5 फीसदी कम है।

दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश में कृषि उत्पादन और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानसून सामान्य से तीन दिन पहले 29 मई को दक्षिणी केरल राज्य के तट पर पहुंचा था, आशाजनक शुरुआत के बाद बारिश में धीरे-धीरे कम आई है और जून में 8 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में मानसून रफ्तार पकड़ेगा और जुलाई में अच्छी बारिश होगी। 

जून में मानसून की बेरुखी से खरीफ की फसल पर असर  
जून में मानसून की बेरुखी खरीफ की बुवाई पर भारी पड़ी है। बुवाई में पिछले साल के मुकाबले करीब 5.33 फीसदी की कमी आई है। देश पर खरीफ फसलों की कम बुवाई का खतरा भी मंडराने लगा है, क्योंकि पिछले साल इसी समय 294.42 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल एक जुलाई तक 278.72 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की ही बुवाई हो पाई है।

मणिपुर भूस्खलन में अब तक 29 की मौत, 38 लोग लापता
मणिपुर के नोनी जिले में रेलवे निर्माण स्थल के पास भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर शनिवार को 29 हो गई। 34 लोग अब भी लापता हैं। मरने वालों में आठ लोग असम के रहने वाले हैं और करीब 11 असमवासी अभी भी लापता हैं। सेना समेत अन्य एजेंसियां राहत कार्य व मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी हैं।

मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह ने शनिवार को एक दुर्घटनास्थल का एक वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, नोनी जिले के तुपुल यार्ड रेलवे निर्माण स्थल की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। सुबह से हो रही बारिश के कारण राहत व बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि आगे भी मौसम खराब रहेगा। शनिवार को आठ और शव मलबे से बाहर निकाले गए हैं। 

गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश, निचले इलाके जलमग्न 
गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश से जनजीवन ठप हो गया और सूरत, बनासकांठा व आणंद जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। 

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